Description
आज जिस उच्चतर स्तर पर नारी शोषण हो रहा है, उसको देख कर साफ जाहिर हो जाता है कि पुरुष नारी विमर्ष राह भटक गया है। ये ठीक है कि आज नारी को घर से बाहर निकलने की अधिक स्वतंत्रता मिली है मगर किस कीमत पर? आज तो वह गली छाप छिछोरों जो इंसान की औलाद नहीं बल्कि भेड़ियों के बच्चे अधिक दिखाई देते हैं, की षिकार बन रही हैं। इस पुस्तक में हमने इसी परिवेष की चीर फाड़ की है। यह भी सुझाया है कि बहन बेटियाँ इन भेड़ियों से कैसे बचें, कैसे उन्नति करें, कैसे जीवन साथी चुनें? यहाँ और कुछ कहना उपयुक्त न होगा।
Reviews
There are no reviews yet.